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डिजिटल ग्रीन एक अंतर्राष्ट्रीय, बिना मुनाफे वाला विकास संगठन है और इसे
बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन और भारत सरकार का सहयोग
प्राप्त है.
• यह एक नया आईसीटी–आधारित दृष्टिकोण है जो कम लागत और सहकर्मियों से सीखने की प्रभावी प्रक्रिया पर ध्यान देता है जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों को उत्पादकता बढ़ाने और स्थायी आय के जरिए सशक्त बनाना है.
• यह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर स्थानीय विडियो और मध्यस्थ प्रसार के जरिए ग्रामीण समुदायों के बीच प्रासंगिक आजीविका प्रथाओं का प्रभावी रूप से आदान– प्रदान करता है.
• इसका उद्देश्य रणनीतिक दिशानिर्देशन, प्रबंधन और विकास का समन्वय, सफल कार्यान्वयन और डिजिटल ग्रीन के आजीविका से संबंधित गतिविधियों की निगरानी करना है.
• यह सार्वजनिक, निजी और नागरिक समाज संगठनों के मौजूदा विस्तार प्रणाली पर बनाता है और उसे अधिक प्रभावी और कुशल बना कर मजबूती प्रदान करता है.
• यह हितधारकों की कार्यशालाओं और प्रशिक्षण गतिविधियों के बीच समन्वय का काम करता है.
(केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 28 जनवरी 2014 को डिजिटल ग्रीन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. यह समझौता राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत ग्रामीण समुदायों के बीच प्रासंगिक आजीविका प्रथाओं के आदान प्रदान के लिए किया गया है.)
• यह एक नया आईसीटी–आधारित दृष्टिकोण है जो कम लागत और सहकर्मियों से सीखने की प्रभावी प्रक्रिया पर ध्यान देता है जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों को उत्पादकता बढ़ाने और स्थायी आय के जरिए सशक्त बनाना है.
• यह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर स्थानीय विडियो और मध्यस्थ प्रसार के जरिए ग्रामीण समुदायों के बीच प्रासंगिक आजीविका प्रथाओं का प्रभावी रूप से आदान– प्रदान करता है.
• इसका उद्देश्य रणनीतिक दिशानिर्देशन, प्रबंधन और विकास का समन्वय, सफल कार्यान्वयन और डिजिटल ग्रीन के आजीविका से संबंधित गतिविधियों की निगरानी करना है.
• यह सार्वजनिक, निजी और नागरिक समाज संगठनों के मौजूदा विस्तार प्रणाली पर बनाता है और उसे अधिक प्रभावी और कुशल बना कर मजबूती प्रदान करता है.
• यह हितधारकों की कार्यशालाओं और प्रशिक्षण गतिविधियों के बीच समन्वय का काम करता है.
(केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 28 जनवरी 2014 को डिजिटल ग्रीन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. यह समझौता राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत ग्रामीण समुदायों के बीच प्रासंगिक आजीविका प्रथाओं के आदान प्रदान के लिए किया गया है.)
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